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अंतरिक्ष युद्धम 12

    रहस्यमई हमला

    
    गुरु जीवा के महल के बाहर पिछले कुछ समय से लगातार एक अलग हलचल हो रही थी, और इसके बारे में अभी तक किसी को नहीं मालूम था। कुछ स्पेसक्राफ्ट जो बेहद एक ट्रक जितने बड़े थे वह एक के बाद एक टेलिपोर्टेशन के जरिए महल को घेर रहे थे। यकीनी तौर पर इनका जनडोर ग्रह की एलियन सभ्यता से कुछ लेना-देना नहीं था। यह चीजें उनके डिजाइन को देखकर भी पता लग रही थी। उनके स्पेसक्राफ्ट चोड़ें और हथियारों से लैस थे, जबकि जनडोर ग्रह पर पाए जाने वाला कोई भी स्पेसक्राफ्ट ऐसा नहीं था। उनके स्पेसक्राफ्ट के बाहर लगे शीशों से अंदर की प्रजातियों के बारे में भी पता लग रहा था जो गहरे लाल रंग की थी। जनडोर गृह में पाई जाने वाली प्रजातियां बैंगनी और नीले रंग की थी जो शुरू से दिखता आ रहा है, अर्थात पूरी तरह से यही स्पष्ट होता है कि यह परजीवी हमला है। गुरु जीवा के महल पर परजीवी हमला।
    
    इससे पहले गुरु जीवा की सुरक्षा करने वाले एक दर्जन से अधिक पहरेदारों को इनकी भनक लगती उन्होंने एक के बाद एक कई सारे हमले महल पर करना शुरू कर दिए। तेज लाल रंग की रोशनी सोने के महल की दीवारों को चीरते हुए सीधे अंदर तक जा रही थी। इससे महल के बीचो-बीच एक गोल रास्ता बन गया जो सीधे गुरु जीवा के होल तक जा रहा था। एक के बाद एक स्पेसक्राफ्ट उस रास्ते से अंदर जाने लगे।
    
    राज, मिशा और मिस्टर रावत को गुरु जीवा बताने ही वाले थे कि राज से क्या काम है तभी वो चमकदार हमला हुआ जो बाहर के स्पेसक्राफ्ट ने किया था और उनकी छत ढहने लगी। राज मिशा और मिस्टर रावत तुरंत नीचे झुक गए। अगर वह लोग नीचे ना झुकते तो एक लाल रोशनी उनका भी काम तमाम कर देती। हमले की खबर मिलते ही गुरु जीवा तुरंत हरकत में आए और उन्होंने आनन-फानन में गिरने वाली छत को अपनी शक्तियों से संभाल लिया। "तुम लोग निकलो यहां से..." उन्होंने राज मिशा और मिस्टर रावत से कहा। ऊपर से गिरने वाली छत अगर गुरू जीवा नहीं संभालते तो लाल रोशनी के हमले के बाद वो तीनों धरती वासियों का कल्याण कर देती। गुरु जीवा का आदेश मिलते ही तीनों बाहर की तरफ दौड़ने लगे। पर इससे पहले वह दरवाजे तक पहुंचते बाहर के हमलावर स्पेसक्राफ्ट ने दरवाजे के चिथड़े-चिथड़े उड़ा दिए। मिस्टर रावत दूसरी और गिरकर अपने बचाव में पिलर के पीछे हो गए जबकि राज और मिशा एक साथ उछलते हुए पीछे जा गिरे। हमला जोरदार था और वो ठीक उनके सामने हुआ था।
    
    राज ने खुद को संभाला और मिशा को खड़ा किया फिर मिस्टर रावत के साथ उस टूटे हुए दरवाजे से आगे की ओर निकल गए। जब तीनों सुरक्षित होल की छत से बाहर चले गए तब गुरु जीवा ने छत को गिरने दिया और खुद वहां से गायब हो गए। एक लंबे गलियारे को पार करते हुए राज, मिशा तथा मिस्टर रावत महल में नीचे वाली मंजिल पर पहुंचे और बाहर के पेड़ पौधों की तरफ दौड़ने लगे। वो जगह ऐसी नहीं थी कि उन लोगों को स्पेसक्राफ्ट से बचा सके क्योंकि वहां पेड़-पौधे तो थे पर यह जंगल नहीं था। स्पेसक्राफ्ट की नजरें आसानी से उन तीनों पर पड़ गई और वह गुरु जीवा् के महल का घेराव छोड़कर उनका पीछा करने लगे। उनकी इस हरकत से पता लग रहा था कि उनका मुख्य उद्देश्य गुरु जीवा के महल को तबाह करना नहीं बल्कि धरती वासियों को पकड़ना था। जिस तरह जनडोर ग्रह की रुचि राज में थी उसी तरह उन लोगों को भी राज से कुछ लेना-देना है। वो लोग अपने स्पेसक्राफ्ट से लाल रंग की रोशनी के हमले उन तीनों के इर्द-गिर्द करने लगे। वहां लगे थोड़े बहुत पेड़ भी हमलों की चपेट में आकर उखड़ कर जमीन पर गिर रहें थे। कुछ पेड़ पौधे तो सीधे ही गिर रहे थे। भागते हुए राज, मिशा और मिस्टर रावत की मुसीबतें बढ़ती जा रही थी। पहले तो उन्हें लाल रोशनी के हमले से बचना था और अब ऊपर गिरने वाले पेड़ पौधों से भी।
    
    लेकिन एक इंसानी जान कब तक भला अपना बचाव कर सकती थी। उन तीनों ने तब तक बचने की कोशिश की जब तक वह बच सकते थे। फिर एक लाल रंग की रोशनी ने उनके ठीक पीछे हमला किया और वह तीनों उस हमले से होने वाले गड्ढे में गिर गए। स्पेसक्राफ्ट ने उनका घेराव अच्छे से कर लिया। हमला भी ऐसा था कि वह तीनो के तीनो बेहोश हो गए। गुरु जीवा के महल के अंदर गया स्पेसक्राफ्ट भी बाहर आ गया। इस हमले में गुरु जीवा कहां गायब हो गए इसकी कोई जानकारी नहीं। बाहर आया स्पेसक्राफ्ट जमीन पर उतरा और उसके दरवाजे खुलने लगे। दरवाजा खुलते ही तीन वर्दीधारी एलियंस जोकि लाल रंग की एक अलग प्रजाति थी, बाहर आए और उन्होंने तेजी से से तीनों को कंधे पर उठाकर स्पेसक्राफ्ट में पटक दिया। इस रहस्यमई हमलें ने एक ही पल में घटनाओं के मोड़ बदल दिए। जहां राज की मुलाकात महान वैनाडा से होने वाली थी वही वह लोग अब किसी दूसरी प्रजाति के बंदी बन गए।
    
    ***
    
    तीनों एलियंस ने राज, मिशा और मिस्टर रावत को स्पेसक्राफ्ट के फर्श पर पटका और स्पेसक्राफ्ट की कमान संभाल ली। फिर देखते ही देखते सभी स्पेसक्राफ्ट जैसे आए थे वैसे ही गायब होने लगे.... टेलिपोर्टेशन के जरिए। उनकी तकनीक जनडोर ग्रह की तकनीक से भी कई गुना अधिक थी। गुरु जीवा के अलावा इस ग्रह पर रहने वाले किसी आदमी को पता तक नहीं चला कि यहां कोई ऐसा हमला भी हुआ है और उस हमले में तीन धरतीवासी किडनैप हो गए। गुरु जीवा की सुरक्षा करने वाला सुरक्षा चक्र इस हमले में धरा का धरा रह गया। मादा पहरेदारनीयां भी कुछ नहीं कर पाई। सब कुछ बहुत जल्दी में हुआ था।
    
    ****
    
    जनडोर ग्रह से कुछ दूरी पर
    
    टेलिपोर्टेशन के जरिए गायब हुए स्पेसक्राफ्ट एक के बाद एक अंतरिक्ष में नजर आए। वह लोग अभी भी जनडोर ग्रह के सौरमंडल में थे लेकिन जनडोर ग्रह से कुछ दूरी पर। यहां से जनडोर ग्रह और उसका चांद साफ दिख रहा था। पर वह लोग एक पहाड़ी चट्टान के पीछे थे जो अंतरिक्ष में तैर रही थी। इस वजह से जनडोर ग्रह से कोई भी उन्हें नहीं देख पा रहा था। इस स्थिति में टेलिस्कोप द्वारा भी उन्हें देखना संभव नहीं था। शायद वह लोग यहां काफी समय से होंगे और हमला करने से पहले यही छूपे होंगे। जब 4J की स्पेस शिप यहां आई थी तब उन्होंने उस पर पूरा ध्यान रखा होगा। यही वजह है कि जब उन्होंने हमला किया तब बहुत तेजी से प्रतिक्रिया दी थी और किसी को खबर तक नहीं होने दी। उन्होंने अपना काम किया और काम कर वापस भी आ गए।
    
    स्पेसक्राफ्ट के अंदर एक लाल रंग का एलियन किसी से संपर्क करने की कोशिश कर रहा था। उसने अपने कपड़े उतार दिए थे जिससे उसकी वेशभूषा का साफ साफ पता लग रहा था। यह प्रजाति रंग में जनडोर ग्रह की प्रजाति से अलग होने के साथ-साथ दिखने में भी अलग थी। इन लोगों का शरीर पतला और जकड़न लिए हुए था। चेहरे पर सख्त बाल थे। हाथों की लंबाई छोटी जबकि पैरों की लंबाई ठीक-ठाक थी। उनकी आंखे इंसानों की आंखों जितनी ही बड़ी थी लेकिन नाक चपटा और अंदर धंसा हुआ था। उनके चेहरे पर एक अलग मुस्कान देखकर लग रहा था कि वह जिस जगह संपर्क कर रहा था वहां उसका संपर्क हो गया। उसने अपनी एलियन भाषा में कुछ कहा और फिर सामने के जवाब का इंतजार किया। जब सामने से जवाब मिल गया तो वह दोबारा कुछ बोला और संपर्क काट दिया। उसने अपने साथियों को कुछ आदेश दिए और कुछ बड़बड़ाया भी। जब वह बड़बड़ा रहा था तब राज के डिवाइस ने उसका ट्रांसलेशन कर दिया जिसमें उसने सिर्फ एक ही शब्द कहा था।
    
    "नोर्कस ग्रह"
    
    वहां मौजूद सभी साथियों ने भी इस शब्द को दोहराया और स्क्रीन पर कोई अनजान लोकेशन डाल दी। उनके स्पेसक्राफ्ट मैं प्रज्वलन होने लगा और वह धीरे-धीरे तेजी से जनडोर ग्रह से और दूर होने लगे। फिर ऐसा समय भी आया जब पलक झपकते ही जनडोर ग्रह दिखना बंद हो गया। 

    
    
    नोर्कस ग्रह की और
    
    लाल रंग के एलियंसों का सफर पिछले एक घंटे से जारी था। उनके सभी स्पेसक्राफ्ट एक के बाद एक श्रेणीबधं निर्वात स्पेस में अपना सफर तय कर रहे थे। सभी स्पेसक्राफ्टों की गति प्रकाश की गति के तुल्य थी। इन परिस्थितियों में वह एक लाइन की तरह जाते हुए दिख रहे थे। इन एलियंस के पास जनडोर ग्रह की तुलना में ज्यादा आधुनिक सुविधाएं थी। इनके पास टेलिपोर्टेशन की सुविधा थी जिसका नजारा उन्होंने जनडोर ग्रह पर बखूबी दिखाया। इस तरह की तकनीक का आविष्कार करना आसान काम नहीं होता, विज्ञान पर जबरदस्त पकड़ और चीजों का सही समन्वय ही इस तरह की तकनीक को संभव बना सकता है। फिर इन्होंने जिस तरह से टेलिपोर्टेशन किया था उससे ऐसा लगा जैसे यह इनके लिए कोई बच्चों का खेल है। इनके स्पेसक्राफ्ट भी जनडोर ग्रह के स्पेसक्राफ्ट की तुलना में ज्यादा बेहतर थे, उनमें उड़ान के साथ-साथ हमला करने की भी क्षमता थी। स्पेसक्राफ्ट के सामने लगे लेजर गन से जो फायरशॉट हुए थे उन्होंने सोने की दीवारों को भी पल भर में पिघला दिया था। इनके हमला करने की रणनीति को देख कर पता लग रहा था कि यह पूरी तरह से सोच समझकर ही हमला करते थे, जनडोर ग्रह के ठीक बाहर जबरदस्त सुरक्षा थी लेकिन इसके बावजूद उन्होंने सभी को कोई ख़बर ना देते हुए तेजी से हमला किया और फिर तेजी से ही वापस आ गए। समय के एक छोटे से अंतराल में किया गया हमला किसी भी दुश्मन को छका सकता था, फिर उसी समय अंतराल में हमला करके वापस लौटना एक कुशल रणनीतिकार की ही निशानी है। स्पेसक्राफ्ट का डिजाइन भी हल्का और मजबूत था। सभी स्पेसक्राफ्ट के आकार चिड़िया के पंखों से मेल खाते थे, जो उन्हें भार में हल्का रखने के साथ-साथ तेजी से मुवेंट कराने में भी मदद करता था। पॉपुलेशन तकनीक के रूप में स्पेसक्राफ्ट के पीछे से प्लाज्मा तरंगे निकल रही थी, छोटे से स्पेसक्राफ्ट में भी प्लाज्मा तकनीक का इस्तेमाल करना अपने आप में नामुमकिन जैसा काम है, क्योंकि प्लाज्मा तकनीक में हुई थोड़ी सी गड़बड़ भी स्पेसक्राफ्ट को परमाणु बम जितनी क्षमता के साथ बारीक टुकड़ों में बदल सकती है। स्पेसक्राफ्ट के ठीक सामने एक छोटी शील्ड थी, जो उल्का पिंड और दूसरी चीजों की टक्कर से स्पेसक्राफ्ट को बचा रही थी। यह शील्ड सभी के सभी दर्जनभर स्पेसक्राफ्ट के आगे थी। अपने छोटे से स्पेसक्राफ्ट में भी इतनी सारी खासियतें रखना, मतलब साफ तौर पर यह जनडोर ग्रह से भी ज्यादा विकसित सभ्यता ही थी।
    
    इस एक घंटे के सफर में राज, मिशा और मिस्टर रावत को पकड़ने वाले तीनों एलियंस ने कोई खास हरकत नहीं की थी। वह लोग सफर की शुरूआत में स्क्रीन के सामने खड़े थे और अभी भी उसी स्क्रीन के सामने थे। तीनों में से एक एलियन स्क्रीन के सामने खड़े होकर नेविगेशन सिस्टम को मॉनिटर कर रहा था, दुसरा किसी स्टेरिंग जैसी दिखने वाली चीज को गोल-गोल घुमा रहा था, शायद वह इसके जरिए स्पेसक्राफ्ट को मेनुअली कंट्रोल कर रहा था और तीसरा और आखिरी एलियंस माइक्रोफोन जैसे दिखने वाले डिवाइस पर लगातार किसी से बात कर रहा था। उनके चेहरे देखकर लग रहा था की नोर्कस ग्रह की झलक दिखने में अभी थोड़ा समय लगेगा क्योंकि उनके चेहरे पर किसी भी तरह की जिज्ञासा या इंतजार की लकीरें नहीं थी। फिर सामने भी स्क्रीन पर भी सिर्फ और सिर्फ अंधेरा दिख रहा था।
    
    राज मिशा और मिस्टर रावत ठीक इन एलियंस के पीछे बंधे हुए थे। उन तीनों को अलग-अलग कुर्सियों पर बांधा गया था। राज और मिशा आगे की दो कुर्सियों पर बंधे हुए थे जबकि मिस्टर रावत पीछे की एक कुर्सी पर। उन पर अभी भी बेहोशी का असर था। तीनों में से किसी ने नहीं सोचा होगा उनके साथ यह सब होगा, फिलहाल तो जनडोर ग्रह की मुसीबतें भी कम नहीं हुई थी और यह नई मुसीबत।
    
    ***
    
    राज को होश आना
    
    लगभग एक घंटा और बीत जाने के बाद राज की आंखें खुली, उसने अपनी आंखों की पलकों को झपकाकर सामने के दृश्य देखे जो उसे धुंधलें दिखाई दे रहे थे । वह अपने सामने उन्हीं तीन एलियंस को देख रहा था जो स्पेसक्राफ्ट को कंट्रोल कर रहे थे। उसने अपने सर को झटका और आंखों के धुंधले दृश्य को सही किया। स्थिति से पारंगत होने के बाद उसने हिलने ढुलने की कोशिश की लेकिन वो एक लोहे की कुर्सी से बंधा हुआ था, इसलिए उसकी कोशिश उसी तक रह गई। उसकी पीठ में जबरदस्त अकड़न थी जिससे रुक रुक कर दर्द की लहरें उठ रही थी।
    
    हालात उसकी समझ से बाहर थे। उसे बस इतना ही याद था की वह गुरु जीवा से बात कर रहा था और तभी हमला हुआ, वो लोग बचाव के लिए बाहर भागे और एक हमले में बेहोश हो गए। उसके बाद सीधे यहां आकर आंख खुली। राज ने फिर सामने की तरफ देखा, सामने तीनों एलियंस थें जो स्क्रीन में नजरें गड़ाए हुए थे। उसने अपने आसपास देखा। आसपास के दृश्यों में स्पेसक्राफ्ट का डिजाइन, बाहर के तारें ( जो चलती लाइनें थीं) और बंधे हुए मिशा और मिस्टर रावत ही दिखे। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था आगे क्या किया जाए, मिशा और मिस्टर रावत को तो होश ही नहीं आया वरना उससे कुछ मदद हो सकती थी। जब राज को कुछ नहीं सूझा तो उसने उन तीनों एलियंस को आवाज लगाने की सोची "सुनिए" वह धीरे से बोला था, हालांकि उसके बोलने में अजीब सी करकराहट थी, क्योंकि वो नहीं जानता था सामने कि एलियंस क्या जवाब देंगे।
    
    उसके आवाज लगाने के बाद किसी भी एलियंस ने पीछे मुड़कर नहीं देखा था। वह फिर बोला पर इस बार उसने थोड़ा सा जोर लगाया "जरा सुनिए"
    
    अभी भी किसी एलियंस ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
    
    राज इस बार जोर से चिल्लाया " सुनिए" अबकी बार उसने पूरा जोर लगा दिया था पर फिर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई।
    
    "यह लोग तुम्हारी आवाज नहीं सुनेंगे" अचानक राज की जैकेट में पड़ी जिकनोर ने जवाब दिया।
    
    जिकनोर की आवाज राज काफी समय बाद सुन रहा था। उसे तो याद भी नहीं था की उसके पास जिकनोर है जो कई सारे सवालों का जवाब जानती है। "क्यों...??" जाहिर है, जब जिकनोर ने कहा वो एलियंस उसकी आवाज नहीं सुनेंगे तब राज ने इसका कारण जानने की इच्छा जताई और उसने पुछा "क्यों... क्यों वो मेरी आवाज नहीं सुनेंगे"
    
    "क्योंकि इन एलियंस के कान इंसानी ध्वनि को नहीं सुन पाते। यह क्षमता हमारी गैलेक्सी में रहने वाली सिर्फ कुछ प्रजातियों के ही पास है, यही वजह है कि तुम्हारे जोर-जोर से चिल्लाने के बाद भी उन्होंने तुम्हारी तरफ नहीं देखा" जिकनोर ने जवाब दिया, और राज को पता चला आखिर एलियंस उसकी तरफ देख क्यों नहीं रह थें। अगर उनके पास सुनने की क्षमता होती तभी देखते।
    
    "लेकिन यह लोग है कोन?? " राज के मन में दूसरा सवाल आया।
    
    "यह लोग समांडा ग्रह के वासी हैं, तुम समांडा ग्रह से कंफ्यूज ना हो इसलिए मैं तुम्हें बता देती हूं यह हमारी ही गैलेक्सी का दूसरा ग्रह है जिनकी दुश्मनी जंगडोर ग्रह के लोगों से हैं"
    
    "लेकिन इन सब में हमारा क्या रोल?" राज खुद में ही बड़बड़ाया लेकिन जोर से।
    
    "इनकी दुश्मनी जनडोर ग्रह से हैं, और तुम जनडोर ग्रह के खास मेहमान हो जिसके चलते तुम भी इनके दुश्मन बन गए हो। बस तुम में और दूसरा जनडोर वासियों में सिर्फ इतना फर्क है कि तुम बाहर से आए हुए हो और, तुम्हारा बाहर से आना इनके लिए जिज्ञासा का विषय बन गया।"
    
    "और यह हमें लेकर कहां जा रहे हैं?"
    
    जिकनोर ने उसके सामने एक होलोग्राम खोल दिया। होलोग्राम हरे रंग का था और उसमें एक सौरमंडल दिखाई दिया।
    
    "यह तुम क्या कर रही हो??" उसे ऐसा करते देख राज ने पूछा।
    
    "हैकिंग" जिकनोर ने जवाब दिया। "मैं उनका सिस्टम हैक कर पता लगाने की कोशिश कर रही हूं यह लोग तुम्हें कहां लेकर जा रहे हैं " फिर सामने के होलोग्राम में सौरमंडल का दृश्य बदलकर एक ग्रह में बदल गया "यह लोग तुम्हें इस नोर्कस ग्रह पर लेकर जा रहे हैं। वैसे यह लोग समाडां ग्रह के वासी हैं लेकिन नोर्कस ग्रह भी कभी इनका घर हुआ हुआ करता था। वर्षों पहले हुए एक विनाश में इनका पुराना ग्रह तबाह हो गया था और विनाश के बाद यह लोग समाडां ग्रह पर रहने के लिए चले गए थे।"
    
    " नार्कोस ग्रह....पर ... क्यों" राज ने बात अधूरी ही छोड़ दी।
    
    " मेरे अंदर फिल्ड डाटा बता रहा है‌ की विनाश के बाद नोर्कस ग्रह की तुलना मौत के ग्रह से की जाती हैं। यह नर्क से भी ज्यादा बदतर है। नोर्कस ग्रह पर जीवन खत्म हो चुका है और अब वो वहां दुबारा नहीं पनप सकता। वर्तमान परिस्थितियों में वह ग्रह किसी भी जीवित प्राणी को मृत बनाने के लिए काफी है। वहां बंजर रेगिस्तान के तपते टीले हैं जिन का तापमान 200 डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा रहता है। धूल भरी आंधियां चलती है जो कभी नहीं रुकती। खराब वातावरण के कारण इस गैलेक्सी का कब्रिस्तान भी कहा जाने लगा है। ऐसे में तुम लोगों को ढूंढने के लिए कोई भी इस ग्रह पर आने की हिमाकत नहीं करेगा.... यह इनकी रणनीति है जिससे यह जनडोर ग्रह के जवाबी हमलें से बचेंगे"
    
    इसी बीच मिशा को होश आ गया। उसने धीरे धीरे आंखें खोली और होश आते ही इधर उधर देखा। उसके मन में भी सबसे पहले वही सवाल था जो राज के मन में आया था पर भागने वाले दृश्य को याद करते हुए वह समझ गई वो यहां कैसे हैं। उसने अपने बगल में बंधें राज की तरफ देखा जो जिकनोर से बातें कर रहा था।
    
    "हम... हम कहां जा रहे हैं"
    
    राज उसकी तरफ घुमा। मिशा को होश में देखकर उसे थोड़ी सी तसल्ली हुई " अच्छा हुआ तुम्हें होश आ गया। फिलहाल मैं इसके बारे में कुछ कह नहीं सकता ....... बस यह समझ लो यमराज हमें नर्क लेकर जा रहे हैं"
    
    मिशा राज के जवाब से हैरान थी‌, लेकिन वह अभी अभी भी बेहोशी से जागी थी इसलिए कुछ बोल पाने की हिम्मत नहीं कर रही थी। "
    
    इधर बाहर विचारहीन अंधेरा धीरे-धीरे कम हो रहा था क्योंकि किसी अनजान सौरमंडल से आने वाली सूरज की रोशनी स्पेसक्राफ्ट की दीवारों पर पड़ कर उसे चमकीला कर रही थी
    
    ***
    
    नोर्कस ग्रह
    
    राज और मिशा के चुप होने के बाद स्पेसक्राफ्ट में कुछ देर के लिए सन्नाटा छाया रहा। जल्द ही अलार्म की एक बोरिंग की आवाज पूरे स्पेसक्राफ्ट में गूंजने लगी। एलियंस के सामने वाले स्क्रीन के दृश्य बदल गए। स्पेसक्राफ्ट नोर्कस ग्रह के बिल्कुल नजदीक था। अंतरिक्ष में तेज धूल भरी आंधी के एक गुब्बारे ने स्पेसक्राफ्ट का इमरजेंसी अलार्म चालू कर दिया। अभी तो स्पेसक्राफ्ट ने नार्कोस ग्रह पर दस्तक दी थीं; और अभी से यह हाल। नोर्कस ग्रह जो शायद अपने सौरमंडल में इकलौता था, क्योंकि पूरे सौरमंडल में इसके अलावा कोई दूसरा ग्रह नहीं दिख रहा था। कुछ उल्कापिंड जरूर थे जो बीच बीच में चमकते हुए दिखाई दे रहे थे। सौरमंडल भी थोड़ा अलग था; तारे की चमक कम थी और प्रकाश दूधिया नीले रंग का था। आमतौर पर ऐसी रोशनी तभी होती है जब तारा खत्म होने की कगार पर हो।
    
    नोर्कस ग्रह की तुलना धरती के मंगल ग्रह से की जा सकती थी क्योंकि वो ऊपर से हु-ब-हु वैसा ही दिखता था। लाल रंग का रेतीला ग्रह। इसका तो वायुमंडल ही देखकर बताया जा सकता था कि यहां दूर-दूर तक जीवन के नामो निशान नहीं। धूल भरी आंधियों के चक्रवात आसमान में भी छेद कर रहे थे। इतना ही नहीं उनके ऊपरी सिरे की मिट्टी अंतरिक्ष तक जा रही थी। ऐसे ही मिट्टी का एक गुब्बार स्पेसक्राफ्ट से टकराया था। हरे रंग का नामोनिशान ग्रह पर नहीं दिख रहा था, ना ही नीले रंग की मौजूदगी थी। मतलब ग्रह पर ना तो हरियाली थी ना ही पानी की मौजूदगी। ग्रह वैसा ही था जैसा उसके बारे में कहा जा रहा था, सूखा और बर्बाद ग्रह, बिल्कुल अंतरिक्ष के कब्रिस्तान जैसा।
    
    स्पेसक्राफ्ट में मौजूद एलियंस ने अपने स्पेसक्राफ्ट को ग्रह के वातावरण में जाने दिया। वातावरण में प्रवेश करते ही स्क्रीन पर कुछ भी दिखना बंद हो गया। मिट्टी की परत ने आगे कुछ भी देखने लायक नहीं छोड़ा था। तेज हवाओं के झोंकों से स्पेसक्राफ्ट की लैंडिंग बिगड़ रही थी, लेकिन अत्याधुनिक स्पेसक्राफ्ट होने के कारण यह सब मुसीबतें पानी की नदी में आए कंकड़ों के समान थी, जो सिर्फ कुछ देर के लिए ही रास्ता रोक सकते थे। एलियंस ने स्पेसक्राफ्ट के अंदर नाइट मोड चालू कर दिया जो इस धूल भरे वातावरण को भी चीरकर नीचे के दृश्यों को हल्का फुल्का दिखाने लगा। उस नाइट मोड में तबाही का वो खौफनाक मंजर उभरकर सामने आ रहा था जिसकी कभी कल्पना भी नहीं की जा सकती थीं। बड़ी बड़ी बिल्डिंग रेत में दब चुकी थी, इमारतें की इमारतें ढही पड़ी थी। ऐसे लग रहा था जैसे यहां रेत का समंदर बहा हो। देखकर ऐसी कल्पना भी की जा सकती थी जैसे यहां हिरोशिमा और नागासाकी पर होने वाले विस्पोट लाख गुना अधिक मात्रा में हुए हो। और शायद तक इसे ही विनाश कहां जा रहा था।
    
    तेज हवाओं के झोंकों से गुजरने के बाद स्पेसक्राफ्ट एक खत्म हो चुके शहर के ऊपर था। शहर की हालत पहले ही दिख गई थी, जो परमाणु विस्फोट के तुल्य थी। तेज धूल भरी आंधियां तो ग्रह के खत्म होने के बाद अपने आप ही ऐसे पसर कर बैठ जाती है जैसे वो उन्हीं का हो। अगर यहां पानी की मौजूदगी होती तो बिजली की गड़गड़ाहट और बादलों की गर्जना भी खूब नाच दिखाती। शहर को पार करने के बाद वो लोग एक रेगिस्तानी इलाके में थे जहां बड़े-बड़े रेत के टीले दिखाई दे रहे थे। उनकी ऊंचाई जमीन से तकरीबन 500 मीटर होगी। ‌यहां हवाओं का दवाब कम था जिससे स्पेसक्राफ्ट बिना हिले डुले जाए जा रहा था। जल्द ही सामने कुछ और एलियन इमारते दिखाई देने लगी पर वह शहर से अलग थी। यह जो भी था वो कुछ बंकर जैसा लग रहा था ,शायद बंकर ही था। ऐसे बंकर यहां सैकड़ों में थे जो शहर से दूर बने हुए थे। कुछ बंकर रेत से ढके हुए थे तो कुछ बकरं की छत को छोड़कर उसे रेत में दफनाया गया था। एलियन स्पेसक्राफ्ट के साथ और भी कई सारे स्पेसक्राफ्ट थे जो उन्हीं के समांतर चल रहे थे। बंकर के पास आते ही स्पेसक्राफ्ट ने जमीन के और पास जाना शुरू कर दिया। फिर स्पेसक्राफ्ट को एक झटका लगा और वह रेतीले टीलों पर फिसलते हुए लैंडिंग करने लगा। रेत की टीलों का कम से कम यह फायदा था की अगर स्पेसक्राफ्ट क्रैश भी हो जाए तो यह रेतीले टीले उसे ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। धीरे धीरे स्पेसक्राफ्ट की गति कम हुई और वह बंकर से 200 मीटर की दूरी पर आकर पूरी तरह से रुक गए। एलियंस स्क्रीन के सामने से हटे और पीछे का दरवाजा खुलने दिया। राज और मिशा की हथकड़ियां खोली गई और मिस्टर रावत के चेहरे को थपथपाया गया। वह अभी भी बहोश पड़े थे। एलियंस के थपथपाने के बाद मिस्टर रावत को होश आया। वह होश आते ही ऐसे चमके जैसे किसी डरावने सपने से जागे हो। उनके रिएक्शन हैरानी वाले थे पर जब सामने राज और मिशा खड़े हुए दिखे तो समझ गए उनके साथ क्या हुआ होगा। सिंपल सी बात है जब एलियंस ने उन पर हमला किया तो वह कहीं ना कहीं किडनैप करने के इरादे से ही किया होगा, और सब लोग अब किडनैप हो गए। एलियस तीनों को धक्का मारते हुए दरवाजे की ओर ले गए और फिर वहां से नीचे पटक दिया। तीनो के तीनो नीचे गिरते ही मिट्टी में जा मिले। राज झल्लाते हुए चिल्लाया "तुम लोगों को तमीज नहीं है..." फिर उसने मिशा की तरफ देखा। वह अपने बाल को इधर-उधर झाड़ रही थी। हाथों पर तो एलियंस ने पहले ही उन्हें पीछे की तरफ कर हथकड़ी लगा रखी थी। इसलिए मिशा को सर हिलाकर बाल झाड़ने पड़ रहे थे। राज ने मिशा से पुछा "तुम ठीक तो हो ना.." मिशा ने गर्दन हिलाकर हां में जवाब दिया। इतने में पीछे की एलियंस भी नीचे उतर चुके थे और उन्होंने फिर से धक्का मारते हुए तीनों को सामने बेस की तरफ बढ़ने के लिए कहा।

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4 Comments

Fiza Tanvi

20-Nov-2021 01:06 PM

Good

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Miss Lipsa

30-Aug-2021 08:47 AM

Aree waah Bohot badhiyaaa..!!

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ANAS•creation

16-May-2021 07:30 AM

Achha h aman bhai

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